व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं: जानिए व्यापारिक बैंक की परिभाषा और कार्यालयिकता

दोस्तों हम लोग सभी ने बैंक का नाम अवश्य सुना होगा, आज के समय में कोई भी ऐसा इंसान नहीं होगा;जिन्होंने बैंक का नाम ना सुना हो।

ऐसे में आप सभी को यह बात पता होनी चाहिए कि बैंक अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जिससे हमारी अलग-अलग जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

अगर आपको लोन की आवश्यकता होती है तो आप ऐसे बैंक से संपर्क करते हैं जो कि लोन मुहैया कराए। अगर आपको पैसे को जमा करना होता है तो आप अलग प्रकार के बैंक में जाते हैं।

उसी प्रकार अगर आपको आर्थिक संगठन को मजबूत बनाना होता है तो आप व्यापारिक बैंक से संपर्क करते हैं। क्या आपने कभी भी व्यापारिक बैंक का नाम सुना है?

व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं (Vyaparik Bank)

व्यापारिक बैंक कितने प्रकार के होते हैं? व्यापारिक बैंकों का कार्य क्या होता है? व्यापारिक बैंक के क्या-क्या फायदे होते हैं?

और आप जिस भी बैंक में खाता खुलवाए हैं, वह किस प्रकार का बैंक है। क्या वह भी व्यापारिक बैंक है?

क्या कभी आपने इस प्रकार के प्रश्नों को सोचा है। अगर नहीं तो आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद जाहिर सी बात है कि यह सवाल मन में उठ रहे होगे तो घबराइए नहीं, आज मैं आपको उसी के संदर्भ में बताऊंगी।

आज मैं आपको बताऊंगी कि व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं? व्यापारिक बैंक कितने प्रकार के होते है? व्यापारिक बैंक का कार्य क्या है?

तो चलिए ज्यादा समय को ना गवाते हुए अपने इस आर्टिकल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं?

व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं (Vyaparik Bank Kise Kahte hai)

व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं?

व्यापारिक बैंक उन बैंकों को कहते हैं, जहां पर हम धन को जमा करते हैं तथा मुद्राओं का लेनदेन को आसान माध्यम से कर पाते हैं तथा व्यवसाय के लिए ऋण देने जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं।

व्यापारिक बैंक को अनेक नामों से जाना जाता है।

जैसे:-

  1. वाणिज्य बैंक
  2. Commercial Bank
  3. व्यावसायिक बैंक 

आसान भाषाओं में आप को समझाएं तो होता है व्यवसायिक बैंक व संस्था होती है; जो लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगों की जमा राशि को स्वीकार करती है तथा लोगों को जबरन की आवश्यकता होती है, वह उन्हें उधार भी देती है।

आज के समय में जितनी भी बैंकों का हम प्रयोग करते हैं, जिसमें हम अपनी धन राज्यों को जमा करते हैं तथा ऐसे बैंक जहां से हम लोन की प्राप्ति करते हैं।

वह सारे बैंक व्यापारिक बैंक के अंतर्गत ही आते हैं। ऐसे में आप सभी को व्यापारिक बैंक का कार्य अवश्य ही मालूम होगा, किंतु मैं आपको उसके महत्वपूर्ण कार्यों के विषय में बताऊंगी।

जिससे आपको इस विषय में और अत्यधिक जानकारी प्राप्त हो पाएगी।

व्यापारिक बैंकों के मुख्य कार्य बताइए

अगर कहा जाए तो व्यापारिक बैंक के बहुत सारे कार्य होते हैं, किंतु अलग-अलग category के अनुसार इन्हें तीन भागों में बांटा गया है, जो कुछ इस प्रकार है:-

  1. मुख्य कार्य (Main Work)
  2. गौन  कार्य  यानी छुपा हुआ कार्य (Hidden Work)
  3. सहायक कार्य (Helping Work)

अब मैं आपको बताऊंगी कि इन अलग-अलग प्रकार के कार्य क्या क्या होते हैं तो चलिए इसको विस्तार पूर्वक समझते हैं:-

मुख्य कार्य (Main Work)

व्यापारिक बैंक का मुख्य कार्य उन्हीं कार्यों को कहा जाता है; जो बैंकों का जरूरी कार्य होता है, इस कार्य को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:-

  1. जमा स्वीकार करना
  2. ऋण देना

जमा स्वीकार करना

इसके अंतर्गत बैंक जमा करता के धन को जमा के रूप में स्वीकार करता है और उन्हें अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग खातों में जमा करने की सुविधा भी प्रदान करता है।

जैसे:-

  • समय जमा खाता

बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो कुछ निश्चित समय के लिए अपने पैसे को जमा करते हैं;

अगर आप कुछ निश्चित समय के लिए धनराशि को जमा करना चाहते हैं तो आप समय जमा खाता के अंतर्गत अपने पैसे को जमा कर सकते हैं।

इसके अंतर्गत जब भी आप पैसे को जमा करते हैं तो आपको उसके बाद जमा की रसीद दी जाती है।

इस रसीद पर जमा करता का नाम ,जमा की गई राशि की धनराशि ,ब्याज की दर तथा जमा की अवधि के बारे में लिखा होता है।

इसके अंतर्गत आप जितने लंबे समय के लिए ब्याज लेंगे आप की ब्याज की दर भी उतनी ही ऊंची होगी।

  • चालू जमा खाता

पहला जिसमें मैंने आपको बताया कि आप कुछ निश्चित समय के लिए उसके अंतर्गत पैसे जमा कर सकते हैं, किंतु चालू जमा खाता ऐसा होता है।

जिसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार जितनी बार चाहे अपने पैसे को जमा कर सकते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर अपने पैसे को निकाल भी सकते हैं।

इस प्रकार की जमा की गई कि  राशि पर बैंक ब्याज नहीं देता तथा इस खाते से रुपया हमेशा चेक बुक द्वारा ही निकाला जा सकता है।

  • बचत जमा खाता

इस प्रकार का खाता बैंक के लोगों की छोटी-छोटी बचत तो को प्रोत्साहन देने हेतु खोला जाता है। इस खाते से रुपया एक निश्चित मात्रा तक ही निकाला जा सकता है।

अगर आप निश्चित मात्रा से अधिक रुपया निकालते हैं तो बैंक इसके बारे में पहले से सूचना दे देता है अन्यथा वह आपसे बैंक  charge काटना शुरू कर देता है।

जब तक कि आप उसमें निश्चित मात्रा की राशि जमा नहीं कर देते है।

  • Home Safe बचत खाता

जिस प्रकार हम बचपन में अपने पैसों को गुल्लक में बचा कर रखते थे, ठीक उसी प्रकार बैंक जमा करता को उसके घर पर गुल्लक की सुविधा उपलब्ध कराता है।

इसके अंतर्गत आपको गुल्लक की चाबी दी जाती है, जो बैंक अपने पास रखता है और आपको इसमें छोटी छोटी बच्चों को जमा करना होता है

तथा कुछ समय बाद जमा करता बैंक में जाकर अपने गुल्लक में जमा की गई राशि को आपके खाते में जमा कर देते हैं और आप जरूरत पड़ने पर उसे आसानी से निकाल सकते हैं।

  • आवर्ती जमा खाता

इस प्रकार के जमा खाता में जमा करता को कुछ निश्चित राशि प्रति माह जमा अतिथि जमाव की राशि निश्चित समय के लिए होती है।

जैसे आप चाहे तो 1 साल, 2 साल या 5 साल तक के लिए एक निश्चित राशि को प्रतिमाह जमा कर सकते हैं और जमा करता को उसके बाद बैंक जमा राशि के साथ-साथ उस पर ब्याज देखकर उन्हें समयावधि पूरी करने के बाद पैसे उनके खाते में ट्रांसफर कर देती है।

 ऋण देना

बैंक का सबसे पहला कार्य कर्ता की धनराशि को जमा करना इसके अलावा जब उन्हें पैसों की जरूरत हो तो उन्हें ऋण देना भी उनका दूसरा कार्य होता है व्यापारिक में हमें अनेक प्रकार के लिए ऋण प्रदान करता है जैसे:-

  • नकद जमा करना

इस प्रकार के रेन में जमा करता को एक निश्चित आ जाता है। इस खाते में एक सीमा के अंतर्गत रुपया जमा भी करता रहता है तथा आवश्यकता पड़ने पर उसी धनराशि को ऋण हेतु प्राप्त भी कर सकता है।

  • Overdraft

जब बैंकों में जमा करता पैसे को जमा करता है तो बैंक सेवा इस बात का समझौता कर लेता है कि वह जमा राशि से ज्यादा पैसे निकलवाने का अधिकार प्राप्त करेगा।

जो राशि जमाकर्ता  अपनी जमा राशि से अधिक मात्रा में राशि को बैंक से निकलता है, उसी को Overdraft कहा जाता है।

  • ऋण तथा अग्रिम

इस प्रकार के ऋण को कुछ निश्चित रकम के रूप में दिया जाता है जिसे कुछ निश्चित समय के बाद जमा करता को बैंक को जमा करना होता है।

इस खाते में ऋण को स्वीकृति के तुरंत बाद ही ब्याज लगना आरंभ हो जाता है और इस खाते में जमा ऋण  को भी  ऋणी भी  निकाल सकते हैं।

  • सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश  के द्वारा बैंक के लोगों का रुपया उधार देती है।

आज के समय में अधिकतर बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदना अच्छा समझती है, क्योंकि सरकारी प्रतिभूतियों में जोखिम बहुत ही कम होता है।

    2. गौन  कार्य (Hidden Work)

व्यापारिक बैंक आज के समय में महत्वपूर्ण यानी प्राथमिक कार्यों के साथ-साथ गौन कार्य भी करते हैं ;जैसे:-

  • इसके अंतर्गत बैंक विदेशी मुद्रा का क्रय -विक्रय कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने का कार्य करता है।
  • व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर की सुविधा भी प्रदान करता  है ।
  • व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को व्यापारिक सूचनाओं तथा आंकड़े एकत्रित कर कर वित्तीय मामले में भी सलाह प्रदान करता है।
  • व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों को खरीदने का कार्य तथा उसे बेचने का भी कार्य करता है।

किस बैंक के अंतर्गत अपने ग्राहकों के कहने पर उनकी संपत्ति की दृष्टि तथा प्रबंधक के रूप में भी करती है।

     3. सहायक कार्य (Helping Work):-

प्राथमिक कार्य और गौन कार्य करने के अलावा बैंक अपने ग्राहकों को सहायक कार्य भी प्रदान करता है जैसे:-

  • इसके अंतर्गत सहायक कार्य के रूप में बैंकों द्वारा है उद्यमियों को समय पर शक प्रदान करवाई जाती है जिससे उद्यमि प्रोत्साहित होते हैं।
  • बैंकों द्वारा इसके अंतर्गत ब्याज की दर इस प्रकार निर्धारित की जाती है ताकि उद्यमियों और निवेश कर्ताओं के बीच निवेश में समझौता और किसी को भी दिक्कत ना आए।
  • सहायक कार्य के द्वारा व्यापारिक बैंकों में ग्रामीण साख को बढ़ाए जाने का कार्य भी किया जा रहा है।
  • व्यापारिक बैंक बेरोजगार लोगों के लिए उचित ब्याज दर पर ऋण प्रदान कर कर स्वरोजगार की व्यवस्था कराने में भी मदद करता है।
  • आज के समय में व्यापारिक बैंक पूंजी निर्माण का कार्य बड़ी ही कुशलता पूर्वक कर रहा है जिससे हमारा देश का आर्थिक विकास  हो पा रहा है।

इसे भी जरूर पढ़ें

ऊपर मैंने आपको व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं और व्यापारिक बैंक के क्या क्या कार्य है? उस संदर्भ में बताया अब मैं आपको बता दूं कि व्यापारिक बैंक विभिन्न प्रकार के होते हैं।

जो कुछ इस प्रकार है:-

व्यापारिक बैंकों के प्रकार

व्यापारिक बैंक मुख्यतया  चार प्रकार के होते हैं:-

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Bank)

इस प्रकार के बैंक पूरी तरह से सरकार के under आते हैं, जिसमें 50% की हिस्सेदारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय या विभिन्न राज्य सरकारों के वित्त मंत्रालय के पास होते हैं।

भारत में मुख्य रूप से 12 सार्वजनिक  क्षेत्र के बैंक है। जिसने भारत सरकार की हिस्सेदारी 50% से भी ज्यादा है।

निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Bank)

इस प्रकार के बैंक कि अधिकांश हिस्सेदारी सरकार के पास ना होकर बैंक के शेयर धारकों के पास होती है।

भारत में आज के समय में 21 प्राइवेट सेक्टर बैंक है।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank)

यह उस प्रकार के बैंक होते हैं, जो विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर संचालित किए जाते हैं। आप जिस भी राज्य में रहते हैं, वहां कोई ना कोई ग्रामीण बैंक जरूर होगा।

इन्हें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कहा जाता है। यह  बैंक कमजोर वर्ग के लोगों की सुविधा के लिए स्थापित किए जाते हैं। भारत में कुल 43 क्षेत्र ग्रामीण बैंक है।

विदेशी बैंक (Foreign Bank)

विदेशी बैंक हुआ बैंक होते हैं। जिसका होता है विदेशी बैंक को दोनों देशों के नियमों का पालन करना होता है।

विदेशी बैंक स्थाई बैंकिंग प्रणाली की दक्षता को बढ़ाते हैं। जिससे कमजोर बैंकों को मदद मिल सके आज के समय में हमारे देश के अंतर्गत 46 विदेशी बैंक है, जो  हमें हर समय जरूरत पड़ने पर मदद करती है।

आज के समय में अधिकतर लोग व्यापारिक बैंकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं इसका मुख्य कारण यह है कि इससे मिलने वाले फायदे लोगों को ज्यादा पसंद आ रहे हैं।

अगर आप भी व्यापारिक बैंकों के फायदे को जानना चाहते हैं? तो चलिए अब इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं।

व्यवसायिक बैंक किसे कहते हैं?

व्यवसायिक बैंक एक ऐसी संस्थान है, जो लोगों के बचत पैसे को जमा भी करती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें लोन भी मुहैया कराती है।

ऐसे संस्थान लाभ कमाने के उद्देश्य लोगों के धन को जमा और लोन उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बैंकिंग सेवाएं लोगों को प्रदान करती है।

व्यवसायिक बैंक को कमर्शियल बैंक, वाणिज्यिक बैंक, व्यापारिक बैंक इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।

व्यावसायिक बैंक चार प्रकार के होते हैं –

  1. निजी क्षेत्र के बैंक
  2. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
  3. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
  4. विदेशी बैंक

व्यापारिक बैंकों के फायदे

  1. व्यापारिक बैंक के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति चाहे तो अपने धन को सुरक्षित जमा करके रख सकता है।
  2. ग्राहकों को गोपनीयता को बनाए रखने में मदद करती है।
  3. अगर ऐसे उम्मीदवार जो कि व्यवसाय के घाटे में हैं, उन्हें व्यापारिक बैंक जरूरत पड़ने पर धन उपलब्ध करवाकर व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में भी सहायता प्रदान करती है।
  4. बैंक हर किसी जरूरतमंद इंसान को वित्तीय विवरण देखकर लोन प्रदान करवाते हैं ताकि उनकी जरूरत को पूरा किया जा सके।
  5. बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध कराती है, जिससे बैंक के ग्राहक अपने कीमती वस्तुओं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बैंक के पास सुरक्षित रख सके।

Conclusion

आज के इस आर्टिकल  में मैंने आपको बताया कि व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं? मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर व्यापारिक बैंक से संबंधित पूर्ण जानकारी अवश्य हासिल हो गई होगी ।

अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर अच्छा लगा हो और आपको व्यापारिक बैंक से संबंधित कुछ जानकारी मिल गई हो,

तो इसे अपने दोस्तों तक भी अवश्य पहुंच आइएगा ताकि उन्हें भी पता चल सके कि व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं? और अगर आपके मन में व्यापारिक बैंक से संबंधित कोई भी सवाल हो,

तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं। आपका कमेंट हमारे लिए काफी जरूरी होता है।

धन्यवाद

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