ममता कार्ड कब बनाया जाता है?

क्या आप लोगों को पता है कि ममता कार्ड क्या है? ममता कार्ड कब बनाया जाता है? ममता कार्ड किस लिए बनाया जाता है? तो मैं आपको बता दूं कि ममता कार्ड एक प्रकार से गर्भवती महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए बनाया जाता है। 

जिससे मां तथा शिशु की सुरक्षा की जा सके। ममता कार्ड के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है और यह आर्थिक सहायता ममता कार्ड बनने के बाद ही दी जाती है।

ममता कार्ड गांव में रहने वाली महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बनाया जाता है और अगर कोई महिला शहरी क्षेत्र में है तो वहां की महिलाओं का ममता कार्ड स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा बनाया जाता है, किंतु क्या आपको पता है कि ममता का कब बनाया जाता है? 

अगर आपको इस विषय में जानकारी नहीं है और आप जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़िएगा।

ममता कार्ड कब बनाया जाता है?
ममता कार्ड कब बनाया जाता है?

ममता कार्ड क्या है?

आज हम जानेंगे -

ममता कार्ड एक प्रकार का सुरक्षा कार्ड है। जिसे शिशु एवं माता की सुरक्षा के लिए बनाया जाता है।

अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं तो आपको अपनी नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर वहां सारे दस्तावेजों को जमा करके ममता कार्ड बनवाना होगा।

यदि आप शहरी क्षेत्र के निवासी हैं तो आपको अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर ममता कार्ड बनाना होगा।

ममता कार्ड प्राप्त कर लेने के बाद आप इससे मिलने वाले लाभों का लाभ उठा पाएंगे। जिसमें गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। 

ममता कार्ड के जरिए जो भी लाभ दिया जाता है, वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा प्रदान किया जाता है। इसे बनाने में आपको ज्यादा दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होती है।

लेख का नामममता कार्ड क्या हे, कैसे बनाएं-ममता कार्ड 2023
साल2023
योजना का नामममता कार्ड योजना
Post TypeSarkari Yojana /Govt Scheme
DepartmentsDepartment Of India
वेबसाइटlabour.rajasthan.gov.in
लाभगर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता
हेल्पलाइन नंबर7887778877

ममता कार्ड कब बनाया जाता है?

ममता कार्ड प्रसव से लगभग 6 सप्ताह पहले बनाया जाता है। जिसे ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्र में तथा शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बनवा सकती है। 

ममता कार्ड बनवाने के लिए गर्भवती महिलाओं की न्यूनतम उम्र 20 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है। यह कार्ड गर्भवती महिला के लिए एक सुरक्षा काट के रूप में कार्य करता है। 

इसके माध्यम से गर्भवती महिला को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। जिससे प्रसव की सामान्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।


ममता कार्ड बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज

ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को ममता कार्ड बनाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है, जो कुछ इस प्रकार है-

  • गर्भवती महिला का आधार कार्ड 
  • आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर 
  • डिस्चार्ज टिकट 
  • गर्भवती महिला के पति का आधार कार्ड 
  • गर्भवती महिला का पासपोर्ट साइज फोटो 
  • गर्भवती महिला का बैंक पासबुक का जेरोक्स

ममता कार्ड के जरिए गर्भवती महिलाओं को कितनी सहायता राशि प्रदान की जाती है?

ममता कार्ड बनवाने के बाद गर्भवती महिला को राज्य सरकार द्वारा लड़की के जन्म पर ₹21000 की सहायता राशि तथा लड़के के जन्म पर ₹20000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

राज्य सरकार द्वारा दी गई राशि लड़के लड़की की शिक्षा के लिए किस्तों के माध्यम से दी जाती है। 

जन्म होने पर ₹2000 की राशि तथा स्कूल में एडमिशन के दौरान ₹2000 की राशि दी जाती है एवं पांचवी कक्षा में पास करने के बाद ₹5000 की सहायता राशि तथा 12वीं कक्षा पास करने के बाद ₹12000 की सहायता राशि राज्य सरकार की तरफ से दी जाती है।

इस प्रकार कुल लड़के तथा लड़की के जन्म पर 21000 तथा ₹20000 की सहायता राशि को किस्तों में दिया जाता है।


गर्भवती महिलाओ के लिए ममता  कार्ड बनाने से क्या क्या सुविधा और फायदे मिलते है सरकारी हॉस्पिटल में 

  • सरकारी हॉस्पिटल में निशुल्क प्रसव (डिलीवरी ) कि सुविधा होती है 
  • निशुल्क सिजेरियन ऑपरेशन 
  • फ्री दवाये और सामग्री 
  •  निशुल्क जाँच सुविधाये – (खून, पेशाब की जाँच, सोनोग्राफी आदि)
  • निशुल्क भोजन हॉस्पिटल में भर्ती होने के समय तीन दिन तक सामान्य डिलीवरी और 7 दिन सिजेरियन ऑपरेशन में 
  • निशुल्क खून की उपलब्धता तुरंत 
  • फ्री में सारी सुविधा 
  • निशुल्क ambulance घर पर छोड़ने के लिए
  • बच्चे के प्रसव से लेकर 12वीं कक्षा तक राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि

ममता कार्ड कैसे बनाया जाता है?

ममता कार्ड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत बनाया जाता है। जिसे केवल आंगनबाड़ी तथा स्वास्थ्य केंद्र द्वारा ही बनाया जा सकता है।

इसके लिए आपको अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या फिर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आवश्यक दस्तावेज देकर अपना ममता कार्ड प्राप्त करना होता है।

ममता कार्ड के लिए आप ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं किंतु आप ममता कार्ड का आवेदन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

फॉर्म डाउनलोड कर लेने के बाद फॉर्म में मांगी गई आवश्यक जानकारियों को सही पूर्वक भर दें तथा उसे दस्तावेजों के साथ अटैच करके आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में जमा करते हैं।

अगर आपके द्वारा दी गई सारी जानकारियां सही पाई जाती है तो आपका ममता कार्ड स्वास्थ्य केंद्र या आंगनबाड़ी केंद्र से बना दिया जाएगा, जिसे आप वहां जाकर कलेक्ट कर सकते हैं।


ममता कार्ड का क्या उपयोग है?

ममता कार्ड के अंदर शिशु के टीकाकरण की पूरी जानकारी दी जाती है और बच्चे का वजन एवं शारीरिक स्थिति का ब्यौरा लिखा होता है।

जिससे बच्चे के स्वास्थ्य का जानकारी मिलती है एवं माता के दवाई की जानकारी ममता कार्ड के अंदर दी जाती है।

ममता कार्ड के अंतर्गत गर्भवती महिलाएं द्वारा कराई गई सभी जांच की रिपोर्ट लिखी जाती है तथा उसमें बच्चे तथा उनके परिवार के सभी सदस्यों का विवरण भी लिखा होता है।

एक तरफ से हम यह कह सकते हैं कि ममता कार्ड नवजात जन्मे बच्चे का रिपोर्ट कार्ड होता है।


Conclusion 

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि ममता कार्ड कब बनाया जाता है? मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर इस संदर्भ में जानकारी मिल गई होगी।

अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें और अगर आपके मन में कुछ सवाल हो तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट कर कर अपना सवाल पूछ सकते हैं।

धन्यवाद


FAQ : ममता कार्ड से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ममता कार्ड बनाने के लिए क्या-क्या चाहिए?

ममता कार्ड बनाने के लिए आवेदन फॉर्म, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, पते का प्रमाण पत्र, पति का आधार कार्ड तथा पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होती है।

ममता कार्ड से क्या होता है?

ममता कार्ड के जरिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जिसमें लड़की के जन्म पर 21000 रुपए तथा लड़के के जन्म पर ₹20000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी में क्या-क्या मिलता है?

आंगनबाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन के बाद गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूरा होने के बाद ₹6400 का लाभ मिलता है। इसमें से ₹5000 प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत दिया जाता है तथा शेष 1400 की राशि जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाती है।

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