हर माता-पिता यह चाहते हैं कि वह अपने बच्चे को एक अच्छी शिक्षा दें, अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उन पर अपनी सारी जमा पूंजी खर्च कर देते हैं लेकिन इस बीच शिक्षा दिनोंदिन काफी महंगी होती जा रही है।
ऐसे में बच्चों का higher education के लिए अभिभावकों की सेविंग भी कम पड़ जाती है। ऐसी परिस्थिति में आज के समय में अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए स्टूडेंट हो गए थे, किंतु क्या आपको पता है कि स्टूडेंट लोन की अधिकतम राशि कितनी है?
स्टूडेंट लोन लेने के लिए क्या पात्रता चाहिए? अगर आपको इस विषय में जानकारी नहीं है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़िएगा, जिससे आपको यह पता चल सके कि स्टूडेंट लोन की अधिकतम राशि कितनी है?

स्टूडेंट लोन की अधिकतम राशि कितनी है?
आज हम जानेंगे -
अगर आप भारत में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट लोन लेना चाहते हैं तो आपको अधिकतम 10 लाख रुपये तक की लोन प्राप्त होगी और अगर आप विदेश में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट लोन लेना चाहते हैं तो आपको 20 लाख रुपए तक की लोन प्राप्त होगी।
वहीं अगर आप भारत के प्रतिष्ठित कॉलेज जैसे आईआईटी आईआईएम कॉलेज से पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपकी लोन की राशि बढ़ जाती है और वही अगर आप विदेश के भी कोई प्रतिष्ठित संस्थान जैसे कि एमआईटी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी हावर्ड यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप की लोन की रकम बढ़ सकती है।
स्टूडेंट लोन कॉलेज एडमिशन के प्रमाण पत्र के आधार पर ही मिलता है। यानी कि बैंक आपको तभी स्टूडेंट लोन देगी जब आपके पास है वैद्य प्रमाण पत्र होगा जिसमें आपका एडमिशन कंफर्म होगा।
अगर कोई स्टूडेंट अपने देश या विदेश में पढ़ाई करना चाहता है तो उसे 4 लाख रुपये तक का स्टूडेंट लोन मिल सकता है। जिसमें उन्हें किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं यानी स्टूडेंट बिना किसी गारंटी के ₹400000 तक का एजुकेशन लोन ले सकता है,
वहीं अगर स्टूडेंट 4 लाख से 6.5 लाख रुपये के बीच एजुकेशन लोन लेना चाहता है तो इसके लिए किसी तीसरे व्यक्ति को गारंटर बनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है अन्यथा आप को लोन नहीं मिल पाता है।
अगर आप 6.5 लाख रुपये से ज्यादा का एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं तो आपको कोई संपत्ति अपनी बंधक रखनी पड़ती है, तभी आपको बैंक या कोई भी वित्तीय संस्था लोन देने के लिए तैयार होता है।
कोई भी स्टूडेंट अगर स्टूडेंट लोन लेता है तो उसे वह लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स करना अनिवार्य होता है।
इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन यह पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए भी लोन लिया जा सकता है। हर तरह के प्रोफेशनल कोर्स के लिए स्टूडेंट को आसानी से एजुकेशन लोन मिल जाता है।
अगर आप पर्सनल लोन लेते हैं तो पर्सनल लोन की तुलना में एजुकेशन लोन आपको काफी सस्ते ब्याज दरों पर मिल जाता है, हालांकि कोर्ट सुर शिक्षा संस्थानों के आधार पर बैंक ब्याज दर निर्धारित की जाती है, किंतु इन ब्याज दरों में 7 से 12 फ़ीसदी के बीच का अंतर पाया जाता है।
आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए बेहद कम ब्याज दरों पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन मिल जाता है।
आम तौर पर स्टूडेंट को कोर्स खत्म होने के 6 महीने बाद लोन की राशि का रीपेमेंट शुरू करना होता है, लेकिन जॉब नहीं मिलने की स्थिति में बैंक की पेमेंट के लिए 1 साल तक का वक्त देता है।
5 से 7 साल में स्टूडेंट को वह लिया गया एजुकेशन लोन चुकाना होता है। कई बार बैंक इससे ज्यादा भी लोन चुकाने की अवधि दे देता है या कुछ शर्तों पर वह इसे बढ़ा देता है।
स्टूडेंट लोन प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर आप स्टूडेंट लोन प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके पास निम्नलिखित दस्तावेजों का होना अनिवार्य है-
- उच्च शिक्षा के लिए भारत या विदेश में किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज जा यूनिवर्सिटी में एडमिशन तय हो चुका हो।
- Student 12वीं की परीक्षा पास कर चुका हो।
- स्टूडेंट के पास ऐडमिशन लेटर, फीस स्ट्रक्चर होना चाहिए।
- स्टूडेंट से लोन लेते वक्त बैंक अभिभावक की सैलरी स्लिप और आयकर रिटर्न की कॉपी की मांग कर सकता है।
- आवेदक भारतीय होना चाहिए तथा उसके पास वैध पहचान पत्र तथा पते का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
स्टूडेंट को एजुकेशन लोन कैसे मिलता है?
स्टूडेंट को एजुकेशन लोन कोर्स के प्रकार शिक्षण संस्था और आवेदक की एलिजिबिलिटी के आधार पर लोन की राशि दी जाती है। अगर स्टूडेंट घरेलू कोर्स के लिए लोन लेना चाहता है तो उसे ₹1000000 तक का एजुकेशन लोन मिलता है।
वही अगर वह अपने देश से बाहर जाकर यानी विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना चाहता है तो उसे 20 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन मिल सकता है।
किंतु इस बात का ध्यान रखें कि एजुकेशन लोन स्टूडेंट के नाम पर दिया जाता है, लेकिन स्टूडेंट के माता-पिता या फिर अभिभावक का भी नाम लोन लेते वक्त पूछा जाता है तथा माता-पिता के भी कई डॉक्यूमेंट की वेरिफिकेशन की जाती है। जिस आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन मिल पाता है।
स्टूडेंट अगर भारतीय नागरिक हो, तभी उसे एजुकेशन लोन मिल पाता है। भारत में पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र भी इस लोन को लेने के योग्य माने जाते हैं।
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एजुकेशन लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?
जैसा की आप सभी को पता है कि 400000 से कम के एजुकेशन लोन पर किसी भी गारंटर की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आपने भी बैंक से 400000 से कम का एजुकेशन लोन लिया है तो मैं आपको बता दूं कि यह लोग असुरक्षित श्रेणी में आता है।
असुरक्षित लोन वह होता है, जिसको लेने के लिए ग्राहक को बैंक के पास किसी प्रकार की गिरवी या तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार के लोन पर अगर आपने दो EMI नहीं दिया हो तो ऐसे में बैंक आपको 2% इंटरेस्ट का दंड लगा देता है।
जब आप 2 से ज्यादा EMI बैंक को नहीं देते हैं तो ऐसे में बैंक आपके खिलाफ नोटिस जारी कर सकता है। अगर आप 3 महीने तक का नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो ऐसी स्थिति में बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देता है।
जिससे आपको भविष्य में लोन मिलने में काफी परेशानी हो जाती है तथा आपका सिविल स्कोर बहुत ही खराब हो जाता है। उसके बाद आपको नया लोन तभी मिल पाता है, जब आप बैंक से पुराने लोन का सेटलमेंट करते हैं।
वहीं अगर आप 400000 से अधिक का लोन गारंटर के साथ लेते हैं तो ऐसे लोगों को सुरक्षित लोन माना जाता है।
सुरक्षित एजुकेशन लोन को बैंक आप से किसी ना किसी प्रकार से वसूल लेता है, क्योंकि आपके या आपके गारंटर की संपत्ति गिरवी रखी होती है।
अगर आप सुरक्षित एजुकेशन लोन पर 2 emi नहीं भरते हैं तो ऐसे में बैंक आपको 2% इंटरेस्ट का दंड लगा देता है। जब आप दो से ज्यादा EMI को नहीं देते हैं तो ऐसे में बैंक आप के खिलाफ नोटिस जारी कर सकता है।
अगर आप नोटिस का भी सही समय पर जवाब नहीं देते हैं तो ऐसे में बैंक गारंटर को नोटिस भेजता है। अगर आपका गारंटर नोटिस का कोई जवाब नहीं देता है तो ऐसे में बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देता है।
उसके बाद मामला अदालत में चला जाता है, उसके बाद यह एक कानूनी प्रक्रिया बन जाती है।
कानूनी प्रक्रिया के बाद आपको अदालत से नोटिस भेजा जाता है। अगर आप उस नोटिस के बाद भी लोन ब्याज एवं अदालती खर्चों को अदा नहीं करते हैं तो आपके या आपके गारंटर की संपत्ति की नीलामी का अदालत आदेश दे देता है।
आपके या आपके गारंटर की कुल संपत्ति की नीलामी को अदालत मंजूर दे देता है। ऐसी स्थिति में लोन लेने वाले व्यक्ति एवं कैलेंडर का सिविल स्कोर बहुत ही खराब हो जाता है।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि स्टूडेंट लोन कितना मिल सकता है? मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर स्टूडेंट लोन से संबंधित कई चीजों के विषय में जानकारी मिली होगी।
अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें और अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट कर कर अपना सवाल पूछ सकते हैं।
धन्यवाद
FAQ : स्टूडेंट लोन से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल –
स्टूडेंट लोन लेने के लिए सबसे पहले बैंक के या संस्था का चयन करना होता है। जिससे हमें काफी कम ब्याज दरों पर स्टूडेंट लोन मिल सके तथा उसके बाद बैंक के निर्देश को पालन करना होता है तथा स्टूडेंट लोन के लिए आवेदन करना होता है।
अगर आप 3 महीने तक लगातार स्टूडेंट लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको बैंक डिफॉल्टर घोषित कर देता है, जिसके बाद आपका सिविल स्कोर खराब हो जाता है और आपको भविष्य में लोन कभी नहीं मिल पाता है।
हां आपको बिना जमानत के स्टूडेंट लोन ₹400000 से कम तक मिल सकता है।
हमारे देश के सभी सरकारी व प्राइवेट बैंकों द्वारा हमें आसानी से स्टूडेंट लोन मिल सकता है, किंतु हमारे देश का सबसे बड़ा बैंक SBI द्वारा सबसे ज्यादा लोग स्टूडेंट लोन 7.5% की ब्याज दर से लेते हैं।
Central Bank of India स्टूडेंट को काफी कम ब्याज दरों पर देश व विदेश में पढ़ने के लिए स्टूडेंट लोन देते हैं। यह ब्याज दर 6.85% से शुरू होती है।