आज के समय में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के लिए लड़कियों के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है ताकि लड़कियों को आर्थिक मदद मिल सके और वह अपने सपने को साकार कर सकें।
यह योजनाएं कई प्रकार की है- जैसे कि शिक्षा से जुड़ी योजनाएं, बचत योजनाएं, छात्रवृत्ति योजनाएं इत्याद।
इन योजना में आवेदन करके लड़कियां अपने भविष्य को ओर बेहतर बना सकती हैं। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लड़कियों की कम उम्र में शादी करवा दी जाती है।
जिससे लड़कियां ना तो सही ढंग से शिक्षा ग्रहण कर पाती है और ना ही उनका भविष्य बन पाता है।
लोगों की इन मानसिकताओं को कम करने के लिए सरकार की ओर से लड़कियों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है, जिससे लोग जागरूक हो और उन्हें सही उम्र तक पढ़ा सके।
सरकार द्वारा लड़कियों के लिए भारत के हर एक राज्य में अलग-अलग प्रकार की योजनाएं चल रही है।
जिसका लाभ लड़कियों के माता-पिता द्वारा उठाया जाता है तो आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि लड़कियों के लिए कौन सी योजना चल रही है?

लड़कियों के लिए कौन सी योजना चल रही है?
लड़कियों के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की ओर से कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है, जिसमें कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार है-
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- सुकन्या समृद्धि योजना
- बालिका समृद्धि योजना
- कर्नाटक भाग्यश्री योजना
- धनलक्ष्मी योजना
- लाड़ली लक्ष्मी योजना
- राजस्थान आपकी बेटी योजना 2023
- बिहार मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
- माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
- सीबीएसई उड़ान योजना
- मुख्यमंत्री लाडली योजना
- महाराष्ट्र सरकार की माजी कन्या भाग्यश्री योजना
- हरियाणवी लाडली योजना
- मध्य प्रदेश लाडली लक्ष्मी योजना
- पश्चिम बंगाल के कन्याश्री प्रकल्प योजना
आइए इनमें से कुछ प्रमुख योजनाओं के विषय में विस्तार पूर्वक जानते हैं-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao)
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बालिकाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली एक योजना है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि लिंग पक्षपात गर्भपात जैसी सामाजिक बीमारियों से बालिकाओं को बचाया जा सके और पूरे देश में बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सके।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को शुरू में उन जिलों में लागू किया गया था, इनमें पुरुष बच्चों की तुलना में कम लिंगानुपात यानी कम महिला बच्चों को मान्यता दी गई थी लेकिन बाद में इसका विस्तार देश के भविष्य में भी किया गया।
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
सुकन्या समृद्धि योजना को स्मॉल सेविंग स्कीम के तहत रखा गया है। जिसमें एक बालिका को प्राथमिक खाता धारक के रूप में रखा जाता है जबकि माता-पिता या कानूनी अभिभावक खाते के ज्वाइंट होल्डर होते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के जन्म से लेकर 10 साल तक निवेश माता-पिता की ओर से निवेश किया जाता है और खाता खोलने के बाद इसमें 15 वर्षों तक योगदान करने की आवश्यकता होती है।
सरकार इस योजना पर अभी 7.6 फीसदी तक का रिटर्न दे रही है और इसमें सलाना कम से कम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है।
जन्म से लेकर 18 साल की योजना में निवेश किया जा सकता है और लड़कियों की शादी तक मोटा पैसा जमा किया जा सकता है।
बालिका समृद्धि योजना (Balika samriddhi Yojana)
यह योजना सुकन्या समृद्धि स्कीम से मिलती-जुलती योजना है, जो लड़कियों के जन्म के बाद ₹500 की अनुदान राशि देती है। स्कूल जाते समय एक बालिका को ₹300 से ₹1000 तक की वार्षिक छात्रवृत्ति मिल सकती है।
बालिका की 18 वर्ष की आयु के बाद शेष राशि में से पैसा निकाला जा सकता है। इस योजना के तहत डाकघर या बैंक में खाता खुलवाया जाता है।
एक प्रकार की छात्रवृत्ति योजना है, जो गरीबी रेखा से नीचे वाले युवा लड़कियों और उनकी माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बालिकाओं की स्थिति को सुधार करना और लड़कियों की विवाह योग्य आयु को बढ़ाना और नामांकन में सुधार के साथ-साथ स्कूलों में लड़कियों की संख्या को बढ़ाना है।
इसमें निवेश पर सरकार की ओर से सालाना ब्याज दिया जाता है।
धनलक्ष्मी योजना (Dhanlaxmi Yojana)
धनलक्ष्मी योजना केंद्र सरकार की ओर से 2008 में शुरू की गई योजना ह। इस योजना के तहत कम आय वाले परिवारों की बालिकाओं को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई योजना है।
कई सारे राज्यों में धनलक्ष्मी योजना पायलट परियोजना के रूप में लागू की गई थी, वह राज्य कुछ इस प्रकार है-
- आंध्र प्रदेश
- बिहार
- छत्तीसगढ़
- झारखंड
- उड़ीसा
- पंजाब
- उत्तर प्रदेश
इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्राथमिक लक्ष्य शिक्षा को बढ़ावा देना है और विशेषकर आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की बालिकाओं की स्थिति सुधारना है।
धनलक्ष्मी बालिका बाल कल्याण योजना ने बालिकाओं को जन्म से लेकर कक्षा 8 तक की माध्यमिक शिक्षा पूरी होने तक आर्थिक लाभ प्रदान किया जाता है।
- प्रत्येक बालिकाओं को जन्म और जन्म रजिस्ट्रेशन पर ₹5000 दिए जाते हैं।
- 6 सप्ताह के बाद टीकाकरण के रूप में ₹200 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- 14 सप्ताह बाद के टीकाकरण पर प्रत्येक बालिकाओं को ₹200 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- 9 महीने के बाद टीकाकरण पर पुनः ₹200 की सहायता राशि दी जाती है।
- 16 महीने के बाद टीकाकरण पर भी ₹200 की सहायता राशि दी जाती है।
- 24 महीने के बाद टीकाकरण के रूप में पुनः ₹200 सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाओं के टीकाकरण पूरा होने के बाद उन्हें ₹250 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- बालिकाओं के प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन के दौरान ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है.
- अगर बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 1 पास करती है तो उन्हे ₹500 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 2 पास करती है तो उन्हे ₹500 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 3 पास करती है तो उन्हे ₹500 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 4 पास करती है तो उन्हे ₹500 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 5 पास करती है तो उन्हे ₹500 की सहायता राशि दी जाती है।
- उसके बाद माध्यमिक विद्यालय में एडमिशन के बाद बालिकाओं को ₹1500 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 6 पास करती है तो उन्हे ₹750 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 7 पास करती है तो उन्हे ₹750 की सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाएं 85% अटेंडेंस के साथ कक्षा 8 पास करती है तो उन्हे ₹750 की सहायता राशि दी जाती है।
किंतु अभी के समय में यह योजना नहीं चलाई जा रही है अप्रैल 2013 में ही इस योजना को बंद कर दिया गया था, क्योंकि उस समय तक विभिन्न राज्य में अनेकों बाल कल्याण योजनाएं लागू हो चुकी थी।
माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
माध्यमिक शिक्षा योजना के लिए लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली योजना है।
यह योजना मुख्य तौर पर भारत के पिछड़े वर्ग की लड़कियों को लाभ देने के लिए शुरू की गई है। सभी एससी और एसटी लड़कियां जिन्होंने कक्षा 8 की परीक्षा पास कर ली है, वह इस योजना को लेने के योग्य है।
अन्य सामाजिक वर्गों के छात्राएं भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं, यदि उन्होंने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से कक्षा आठवीं की परीक्षा पास की है। इस योजना का लाभ वही लड़कियां उठा सकती है, जिनकी आयु 16 वर्ष से कम हो।
इस योजना के तहत योग्य छात्रा का चयन हो जाने के बाद उसकी ओर से सावधि जमा के रूप में ₹3000 जमा किए जाते हैं, जब छात्रा दसवीं कक्षा पास कर लेती है और उनकी उम्र 18 वर्ष हो जाती है, तब उन्हें यह राशि ब्याज के साथ वापस दी जाती है।
सीबीएससी उड़ान स्कीम (CBSE Udan Scheme)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत सीबीएसई उड़ान योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का फोकस पूरे भारत में प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों में लड़कियों के एडमिशन को बढ़ाना है।
यह योजना लड़कियां के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा प्रोवाइड करता है।
इस योजना के साथ ही आपको स्टडी मटेरियल के साथ प्रीपैड टेबलेट भी दिया जाता है ताकि वे अपने इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी अच्छे ढंग से कर सके।
11वीं और 12वीं कक्षा में छात्राओं के लिए मुफ्त पढ़ाई के ऑनलाइन सामान जैसे वीडियो अध्ययन सामग्री इत्यादि चीजें उपलब्ध कराई जाती है तथा छात्रों के लिए वीकेंड पर ऑनलाइन क्लास की सुविधा भी दी जाती है।
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मुख्यमंत्री लाडली योजना (Mukhyamantri Ladli Yojana)
झारखंड राज्य की ओर से मुख्यमंत्री लाडली योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत बेटी के नाम पर डाकघर बचत खाते में 5 साल के लिए ₹6000 की राशि जमा की जाती है और बच्ची के 18 वर्ष पूरे हो जाने के बाद उन राशि का फायदा उठाया जाता है।
माजी कन्या भाग्यश्री योजना (Majhi Kanya Bhagyashree Yojana)
महाराष्ट्र सरकार की ओर से माझी कन्या भाग्यश्री योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इस योजना के तहत लाभार्थी लड़की और उसकी मां के नाम पर नेशनल बैंक में ज्वाइंट अकाउंट खोला जाता है और दोनों को इसके तहत ₹100000 का दुर्घटना बीमा और ₹5000 का ओवरड्राफ्ट सुविधा दी जाती है।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल मैं आपने जाना की लड़कियों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर इस विषय में जानकारी मिल गई होगी।
अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें और अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट कर कर अपना सवाल पूछ सकते हैं।
धन्यवाद
FAQ : लड़कियों के लिए योजनाओं से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
लड़कियों के लिए सबसे अच्छी योजना सुकन्या समृद्धि योजना है, यह विशेष रूप से भारत में लड़कियों के लिए तैयार की गई एक बचत योजना हैं।
राज्य में महिलाओं को प्रोत्साहित और उनके व्यवसाय की यात्रा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से महिला स्वरोजगार योजना चलाई जा रही है।
लड़की होने पर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत ₹2500 की सहायता राशि मां को दी जाती है, बालिका के पहले जन्मदिन पर ₹2500 की राशि पुनः मिलती है। वही पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर बालिका की माता के खाते में ₹4000 भेजे जाते हैं।