एफडी के नुकसान | FD ke nuksan

आज के समय में अधिकतर लोग भविष्य में पैसे को save करने के लिए FD करवाते हैं। वर्तमान में सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक, गैर सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस कहीं पर भी अगर आप निवेश करते हैं।

तो आपको अच्छा खासा मुनाफा होता है, किंतु एफडी कराने पर एक निश्चित समय के बाद हमें एक अच्छी खासी रकम मिलती है।

जो हमें भविष्य में काम आती है, किंतु क्या कभी आपने यह चीज पर विचार किया है कि एफडी के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? जी हां, एफडी कराने के जहां एक तरफ फायदे हैं तो दूसरी तरफ नुकसान भी है।

अगर आप भी एफडी के नुकसान के विषय में जानना चाहते हैं हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़िएगा। 

आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगी की FD क्या होता है? एफडी कितने प्रकार के होते हैं? एफडी के क्या नुकसान है? तो चलीए ज्यादा देर ना करते हुए अपने इस आर्टिकल की ओर बढ़ते हैं और जानते हैं कि एफडी के नुकसान के विषय में।

FD क्या होता है?

FD का फुल फॉर्म होता है Fixed Deposit. 

FD सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिसके माध्यम से लोग नियमित बचत खाते की तुलना में अपेक्षित अधिक ब्याज पाते हैं। एफडी के माध्यम से लोग एक निश्चित अवधि के लिए अपने पैसे को जमा करते हैं और एक अच्छे ब्याज दर पर उसे प्राप्त करते हैं।

अगर निवेशक वरिष्ठ नागरिक होते हैं तो उन्हें उच्च ब्याज दर मिलता है। आप एफडी के अंतर्गत 10 वर्ष के लिए निवेश आसानी से कर सकते हैं।

आज के समय में किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में या स्कीम जमा और बचत के मामले में काफी ज्यादा पॉपुलर है। FD अकाउंट में जमा धनराशि में काफी सुरक्षित मानी जाती है और साथ ही साथ हमें निर्धारित रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है।

सबसे खास बात यह होती है कि इसमें मार्केट के उतार-चढ़ाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जिस कारण से अधिकतर लोग अपने मुनाफे के लिए एफडी करवाते हैं।

FD के नुक़सान

एफडी के नुकसान (FD ke Nuksan)

जैसा कि मैंने आपको अभी बोला जहां एक और एवरी कराने के कई सारे लाभ है तो वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान भी हैं।

एफडी से 10 होने वाले नुकसान

  1. FD पर डिफॉल्ट का जोखिम होता है।
  2. FD पर मेजोरिटी अवधि से पहले फंड निकासी नहीं की जा सकती है।
  3. FD पर अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
  4. FD पर फिर से निवेश करने पर कम ब्याज मिलता है।
  5. FD पर महंगाई हर प्रकार के निवेश को प्रभावित करती है और जोखिम भी बढ़ाती है।
  6. FD के अंतर्गत लिक्डिटी की दिक्कत होती है। 
  7. FD पर 1 दिन के अंतर से नुकसान हो सकता है।
  8. FD पर टैक्स का लाभ नहीं मिलता है।
  9. FD पर फंड के lock in का खतरा होता है।
  10. FD मे बढ़ती महंगाई के कारण रिटर्न भी घटता है।

आइए इन बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते है, जिससे आपको यह चीजें और अच्छी तरह समझ में आएगी-

FD में बैंक का डिफॉल्ट होने का जोखिम रहता है (Default Risk)

एफडी करने पर निवेशकों की जमा पर जोखिम बढ़ जाती है। RBI के नए नियम के अनुसार किसी बैंक के डूबने पर कुल जमा पर ₹500000 तक इंश्योरेंस मिलता है।

ऐसे में अगर किसी बैंक में 1200000 रुपए का एफडी किया जाए और वह बैंक डूब जाता है तो आप को अधिकतम ₹500000 ही मिलेंगे बाकी ₹700000 आप के डूबने की स्थिति में होते हैं।

FD में मेजॉरिटी से पहले फंड निकासी नहीं कर सकते है (No Fund Withdrawal before Majority Period)

FD के अंतर्गत आप एक निश्चित अवधि के लिए निवेश करते हैं, किंतु इस अवधि से पहले आप फंड की निकासी नहीं कर सकते है।

मान लीजिए आपने टैक्स सेविंग एफडी किया है, जिसकी अवधि 5 साल की है तो आप मेजोरिटी के बाद ही फंड की निकासी कर सकते हैं। मेजोरिटी से पहले फंड निकासी पर आपको नुकसान हो सकता है।

FD में अधिक टैक्स का भुगतान करना होता है (Pay more tax)

इसमें आप जो निवेश करते हैं उसमें स्लैब के हिसाब से अधिक टैक्स लगता है। अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है तो आयकर कानून की धारा 80ttb के तहत एफडी पर ब्याज के रूप में होने वाली महंगाई पर 50000 तक की छूट मिलती है।

FD में फिर से निवेश करने पर कम ब्याज मिलता है (Low interest on reinvestment)

जब FD आपकी पूरी हो जाती है तो आपके पास दो विकल्प होते हैं, पहला कि आप उस पैसे को निकाल ले और दूसरा कि आप उस पैसे को फिर से निवेश कर दें।

आप चाहे तो नई FD खुलवा सकते हैं, लेकिन इस पर उतना ही ब्याज मिलेगा, जो अभी लागू है यानी कि अगर ब्याज दर अगर घटा होगा तो आपको पहले की तुलना में कम ब्याज दर पर एफडी करवानी होगी।

FD में महंगाई में नुक़सान (Expensiveness)

महंगाई हर तरह के निवेश को प्रभावित कर सकती है और इसमें risk भी बना सकती है। मान लीजिए कि अगर कोई बैंक एफडी पर 6 फिसदी ब्याज दे रहा है और उस समय महंगाई की दर 4.5% है तो आपको जमा पर वास्तविक रिटर्न सिर्फ 1.5 फीसदी ही मिल मिलेगा।

FD मे बढ़ती महंगाई के कारण रिटर्न भी घटता है। महंगाई बढ़ती या घाटती है तो इसका असर FD के return में नहीं पड़ता है, आपको उतना ही रिटर्न मिलेगा जितने में अपने FD करवायी थी, और अभी जिस कदर महंगाई बढ़ रही आपकी एफ़डी में निवेस किए गए पैसों की क़ीमत घट रही है।

FD में Liquidity की दिक्कत

बैंक एफडी पर लिक्डिटी का issue होता है, वैसे तो जरूरत पड़ने पर FD तोड़ी जा सकती है, लेकिन इस पर प्रीमेच्योर penalty देनी पड़ती है। FD पर क्या पेनल्टी अमाउंट होगा, यह अमाउंट अलग-अलग बैंकों में अलग अलग हो सकता है।

FD में 1 दिन के अंतर से नुकसान हो जाता है (1 day difference)

अधिकतर लोग FD 6 माह, 1 साल, 2 साल इत्यादि के हिसाब से कराते हैं। कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए इससे एक ही या थोड़े ज्यादा दिन या कम दिनों के लिए एफडी पर ब्याज दर अलग-अलग होती है। इसलिए एफडी खुलवाने से पहले एफडी अवधि और उस पर ब्याज का पता जरूर करें।

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FD में टैक्स का लाभ भी सीमित होता है (Tax benefits are also limited)

जो भी FD के तहत निवेश करते हैं, उनका यह जानना बेहद जरूरी है कि सभी तरह की FD पर टैक्स का लाभ नहीं मिलता है।

हालांकि 5 साल की अवधि वाली कुछ एफडी पर आपको टैक्स का लाभ दिया जाता है, लेकिन इस पर एक सीमा से ज्यादा रिटर्न मिलते ही आपका टीडीएस के रूप में कुछ राशि देनी पड़ती है।

FD में फंड लॉक इन हो जाता है (Fund Lock in)

FD में जब पैसा जमा किया जाता है तो उसी वक्त एक अवधि भी तय हो जाती है कि आप इतने साल तक अपना पैसा नहीं निकाल सकते हैं।

विपरीत परिस्थितियों में निकासी की सुविधा मिलती है, लेकिन जुर्माना देना पड़ता है। इससे आपका पैसा एक तरह से फंस जाता है। आपका ही पैसा जब आप निकालने जाएंगे तो जुर्माना देना पड़ता है, यह एक बड़ा नुकसान माना जाता है।

FD में रिटर्न घटता है (Return Less)

FD में ग्राहक ऐसा इसलिए जमा करते हैं ताकि उन्हें अच्छा खासा रिटर्न मिले, लेकिन उस रिटर्न पर टैक्स देना पड़े तो फायदा कम हो जाता है।

FD पर मिलने वाला ब्याज ग्राहक के टैक्सेबल इनकम से जुड़ जाता है, इसलिए कमाए गए ब्याज पर कोई टैक्स डिडक्शन नहीं मिलता है।

FD कितने प्रकार के होते हैं (FIXED DEPOSIT TYPES)

FD समानतः 5 तरह के होते हैं,जो कुछ इस प्रकार है-

  1. Standard Term Deposit 

आप इसके अंतर्गत अपने पैसे का निवेश 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक कर सकते हैं।

  1. Senior Citizen Fixed Deposits

60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति इसके अंतर्गत पैसे का निवेश कर सकते हैं। जिसमें उन्हें 0.25 – 050% तक ब्याज दर मिलता है।

  1. Recurring Deposit  

इसमें जमा किए गए पैसे निर्धारित समय अवधि के लिए जमा किए जाते हैं तथा आपको ब्याज की दर पर मिलेगा यह पहले से ही निर्धारित किया जाता है।

  1. NRI Fixed Deposit 

जो लोग विदेशी मुद्रा में कमाई करते हैं, उनके लिए NRI Fixed Deposit होता है, हालांकि इस मुद्रा में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, किंतु इसका सबसे महत्वपूर्ण लाभ दिया यह है कि पूरी राशि मूलधन और ब्याज कर मुक्त होती है। NRI FD को भारतीय विदेश मुद्रा में जमा किया जा सकता है।

  1. Corporate Fixed Deposit 

इस FD में जोखिम ज्यादा होता है। यदि कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कॉर्पोरेट जमा राशि आपको मिलेगी या नहीं।

Conclusion 

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना की अवधि के क्या नुकसान है? मुझे उम्मीद है कि आपको आज के इस आर्टिकल को पढ़कर FD के नुकसानओं के साथ-साथ FD के बारे में कई डिटेल जानकारियां भी मिली होगी।

अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर कीजिएगा और अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर कर पूछ सकते हैं।

धन्यवाद

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