आज के समय में भविष्य में अत्यधिक मुनाफा हो इसके लिए अधिकतर लोग FD करवाते हैं, क्या आप भी FD करवाने के बारे में सोच रहे हैं। अगर हां तो आपको FD के नियमों के विषय में पता होना अत्यंत आवश्यक है।
आपको यह जानना जरूरी है कि RBI ने FD के नियमों में क्या क्या बदलाव किए हैं? FD कराने के क्या फायदे हो सकते हैं? FD कराने की क्या नुकसान हो सकते हैं?
इन सारी चीजों की जानकारी होने के बाद भी आपको FD करवानी चाहिए तो आज के इस आर्टिकल में आप FD के नियमों के विषय में विस्तार पूर्वक जानेंगे। अगर आपको यह जानकारी पूर्ण रूप से चाहिए तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़िएगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है (FD kya hota hai)
आज हम जानेंगे -

फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक साधन है। आप फिक्स्ड डिपाजिट के माध्यम से एक निश्चित ब्याज दर पर सुरक्षित रूप से एक निर्धारित जमा किए गए राशि को बढ़ा सकते हैं।
अधिकतर लोग नौकरी के बाद पैसे की कमी को पूरा करने के लिए भी फिक्स्ड डिपाजिट कराते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट को आपातकालीन और रिटायरमेंट के बाद आय का एक मुख्य स्रोत बनाया जा सकता है।
आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए फिक्सड डिपाजिट करवा सकते हैं, जिस पर आपको अच्छा खासा रिटर्न मिलता है।
फिक्स डिपाजिट के नियम (FD ke niyam)
फिक्स्ड डिपॉजिट के पुराने नियम की बात की जाए तो पहले जब एफडी की मेजोरिटी पूरी हो जाती थी तो इसका पैसा अगर कोई ग्राहक नहीं निकालते थे या
इस पर दावा नहीं करते थे तो ऐसी परिस्थिति में बैंक उस ग्राहक की एफडी को उसी अवधि के लिए आगे खुद ब खुद बढ़ा देता था। जिसके लिए आपने FD की थी, लेकिन अब इस नियम में बदलाव किए गए है।
अब नए नियमों के तहत अगर कोई भी ग्राहक maturity पूरी होने के बाद पैसे की निकासी नहीं करता है तो ऐसी परिस्थिति में उसे FD (Fixed Deposit) पर ब्याज कम मिलेगा।
अगर आप नए नियम के विषय में विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें।
नए नियम को विस्तार पूर्वक जानने के बाद आपको यह अच्छी तरह समझ में आ जाएगा कि अब मेजॉरिटी पर पैसा नहीं निकालने पर उस पर FD का ब्याज नहीं मिलेगा, इसलिए बेहतर यही होगा कि FD की मेजोरिटी पूरी हो जाने के बाद तुरंत ही पैसे की निकासी कर ली जाए।
एफडी के नए नियम (FD ke naye niyam)
एफडी के नए नियम के अनुसार अगर कोई भी ग्राहक एफडी की मेजोरिटी के बाद अकाउंट में जमा राशि को claim नहीं करता है तो ऐसी परिस्थिति में उसे FD (Fixed Deposit) पर पूरा ब्याज नहीं मिलेगा।
यह ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के बराबर होगा।
अभी के समय में बैंकों के सेविंग अकाउंट पर 3% से 4% का ब्याज मिलता है, वही अगर कोई लंबी अवधि के लिए FD करवाता है तो उसे 5% से ज्यादा ब्याज मिलता है।
इस नए नियम को आरबीआई के द्वारा मई 2022 में लागू किया गया है। ऐसे में एफडी पर निवेश करने से पहले इन बदलते हुए नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
यह नए नियम सभी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों पर भी लागू होते हैं।
आइए FD (Fixed Deposit) के नए नियम पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हैं-
- FD के मेजॉरिटी पर नए नियम के तहत बदलाव हुआ है-
अगर कोई भी ग्राहक एफडी की मेजोरिटी के बाद अकाउंट में जमा राशि को क्लेम नहीं करेगा तो ऐसी परिस्थिति में उसे FD पर पूरा ब्याज नहीं मिलेगा।
इस कारण से इस नए नियम के मुताबिक ग्राहकों को समय पर FD पर claim करना आवश्यक हो गया है।
- पहले के मुताबिक FD पर कम ब्याज दर मिलेगा –
अगर कोई ग्राहक FD पूरा होने के बाद जमा राशि पर क्लेम नहीं करता है तो ऐसी परिस्थिति में बैंक के सेविंग खाते या एफडी पर कम ब्याज दर बैंक द्वारा ऑफर किया जाएगा, किंतु पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था।
पहले अगर कोई व्यक्ति पैसे claim नहीं करता था तो ऐसी स्थिति में जमा राशि को दोबारा से उसी अवधि की FD में बदल दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
अगर अब आप समय पर FD पर क्लेम नहीं कीजिएगा तो आपकी ब्याज दर में कटौती हो सकती है।
इस नियम को आप ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए कि आपने 10 साल की maturity वाला एफडी कराया है।
जो आज मैं पूरा हो चुका है, लेकिन आप यह पैसे नहीं निकाल रहे हैं यानी उस पैसे पर claim नहीं कर रहे हैं तो इस पर दो परिस्थितियां हो सकती है-
- FD पर मिल रहा ब्याज उस बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है तो आपको एफडी वाला ब्याज मिलता रहेगा।
- वहीं दूसरी ओर अगर FD पर मिल रहा है सेविंग अकाउंट के ब्याज अधिक है तो ऐसी परिस्थिति में सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मेजॉरिटी के बाद मिलेगा।
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फिक्स्ड डिपॉजिट कराने से लाभ (Benefits of FD)
फिक्स डिपाजिट कराने के कई सारे लाभ होते हैं। जैसे-
- FD पर मेजॉरिटी पूरी हो जाने के बाद ब्याज दरें अत्यधिक मिलती है।
- आप जरूरत पड़ने पर अपने जमा किए गए पैसे को मेजॉरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं।
- आप फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले लोन भी ले सकते हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको निवेश के कई सारे ऑप्शन मिलते हैं, जिसके जरिए आप अपनी सुविधा अनुसार रकम और समय के अनुसार FD करवा सकते हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट को देश भर में सबसे ज्यादा अधिक फ्री निवेश माना जाता है, क्योंकि आरबीआई इस पर निगरानी रखता है।
- दूसरे जमा निवेश के मुकाबले FD काफी से ऑप्शन है।
- FD पर जमा निवेश पर अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है।
- FD पर कई सारे बैंक ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी देते हैं।
- अगर आप बैंक में FD करवाते हैं तो आपको इंश्योरेंस कवर में भी मिलता है।
- बहुत से ऐसे बैंक भी है, जो अपने FD पर मुफ्त में लाइफ इंश्योरेंस का फायदा भी अपने ग्राहकों को देते हैं।
- अगर आप 10 साल या उससे अधिक दिनों के लिए फिक्स डिपाजिट करते हैं तो आप उस पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।
- FD की सबसे खास बात यह है कि इसमें आपको गारंटी के साथ रिटर्न मिलता है।
- फिक्स्ड डिपाजिट आपको अपने पैसे के लिए कार्यकाल तय करने की अनुमति देता है।
- Fixed Deposit पर लिक्विडिटी की सुविधा भी दी जाती है।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में आपने FD के नए तथा पुराने नियम को जाना। आज आपने यह जाना की एफडी क्या होता है? FD के पुराने नियम क्या थे? FD के नए नियम में आरबीआई ने किन-किन चीजों मे बदलाव किया है?
मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर FD से संबंधित सारी चीजों की जानकारी अच्छी तरह मिल गई होगी।
अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल हो तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं।
धन्यवाद